सार्वजनिक कामों सम्बन्धी प्रोजेक्टों के प्रभावशाली प्रबंधन और इनके तेजी से लागूकरण में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही को और बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से आज राज्य के सभी इंजीनियरिंग विभागों में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरिंग और प्रोजैक्ट मैनेजमेंट (ईपीएम) सिस्टम को लागू करने का फैसला किया गया है।सरकारी कामों को और ज्यादा प्रभावशाली, पारदर्शी और कुशल ढंग से पूरा करने, इनके प्रबंधन और निगरानी को एकीकृत करने और और बेहतर बनाने के तरीकों और उपायों को अपनाने के लिए ईपीएम प्रणाली लाई गई थी।इस सम्बन्धी फैसला आज यहाँ मुख्य सचिव विनी महाजन की अध्यक्षता अधीन सम्बन्धित विभागों के सीनियर अधिकारियों की मीटिंग में लिया गया।लागू होने वाली यह मजबूत प्रणाली इंजीनियरिंग के कामों, कामों के अनुमान तैयार करने, प्रशासनिक मंजूरी और तकनीकी मंजूरी, टैंडर की तैयारी, करारनामा प्रबंधन, ई -एमबी और स्टेट आई.एफ.एम.एस. सिस्टम के एकीकरण के साथ आनलाइन बिलों को सीधे तौर पर राज्य के खजाने में जमा करने के लिए कार्य प्रगति अधारित प्रणाली है।मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों को राज्य के सभी इंजीनियरिंग विभागों में इस प्रणाली को समयबद्ध ढंग से लागू करने की हिदायत की जिससे राज्य में लोक निर्माण प्रोजेक्टों को शुरू करने और इनके प्रबंधन में पूर्ण पारदर्शिता, जवाबदेही और जिम्मेदारी को यकीनी बनाया जा सके।

इंजीनियरिंग क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और जिम्मेदारी की उपयोगिता और कार्यशीलता के बारे विचार करते हुये मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य प्रांतीय इंजीनियरिंग विभागों को भी ईपीएम माड्यूल का लाभ देने का फैसला किया गया है जिनमें जल सप्लाई और सैनीटेशन, जल सप्लाई और सिवरेज बोर्ड, ग्रामीण विकास एवं पंचायतें, गमाडा, पंजाब पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन, पंजाब स्माल स्केल इंडस्ट्रीज और एक्सपोर्ट कारपोरेशन, स्थानीय निकाय और जल स्रोत विभाग शामिल हैं।प्रशासनिक सुधारों विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिरुध् तिवाड़ी ने इस प्रणाली संबंधी जानकारी देते हुये बताया कि एन.आई.सी. के पास भी इंजीनियरिंग कामों के लिए इस तरह की मजबूत प्रणाली मौजूद है।लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव श्री विकास प्रताप ने बताया कि यह प्रणाली लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) की संतुष्टि अनुसार काम कर रही है और लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) के सभी फील्ड दफ्तरों में प्रयोग के लिए अपनाई गई है। उन्होंने आगे कहा कि सड़कें और पुलों के कामों से सम्बन्धी सभी बिल तैयार किये जा रहे हैं और इस प्रणाली का प्रयोग करके जल्द मंजूरी के लिए स्टेट आई.एफ.एम.एस. के पास आनलाइन जमा करवाए जा रहे हैं।मीटिंग के दौरान डीजीपी-कम -सीएमडी पीपीएचसी श्री एम.के. तिवाड़ी, प्रमुख सचिव श्री सरवजीत सिंह (आवास निर्माण और शहरी विकास), जसप्रीत तलवाड़ (जल सप्लाई और सैनीटेशन) और सचिव स्थानीय निकाय-कम-सीईओ जल सप्लाई और सिवरेज बोर्ड श्री अजोए शर्मा मौजूद थे।


Source: 5 Dariya News

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